हमारे बारे में

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हमारे बारे में : एक परिचय

भारत में विज्ञान केन्द्र नेटवर्क संरचना में पर्याप्त संवृद्धि के कारण प्रौद्योगिकी से समृद्ध प्रदर्शों एवं एक प्रशिक्षण आधार – स्थल की आवश्यकता महसूस की गयी ताकि अर्थपूर्ण विज्ञान संप्रेषण के लिए प्रभावी प्रदर्शों एवं उपस्करों की डिजाइन एवं संरचना में कौशल एवं क्षमता का विकास किया जा सके ।  इस उद्देश्य से कोलकाता के सॉल्टलेक में राविसंप मुख्यालय की सुविधाओं के अंश के रूप में राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् की केन्द्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण प्रयोगशाला (केअप्रप्र) की स्थापना की गयी ।  13 मार्च 1993 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम डॉ शंकर दयाल शर्मा द्वारा इसे राष्ट्र को समर्पित किया गया ।
केन्द्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण प्रयोगशाला इलेक्ट्रोनिक्स, आईटी, ए आर और वी आर मंचों पर नये प्रदर्श तकनीक, विभिन्न विज्ञान संप्रेषण कार्यकलापों के साथ नवीन विकासात्मक कार्य को गति प्रदान करती है और इसके लिए वह नवीन प्रकार के 2 डी एवं 3 डी मल्टी मीडिया कार्यक्रमों का भी प्रयोग करती है ।  केन्द्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण प्रयोगशाला द्वारा अन्त: क्रियात्मक खगोल शिक्षा के लिए फूलने योग्य गुम्बदाकार सुवाह्य तारामंडल का भी निर्माण किया जा रहा है जिसके लिए लर्निंग टेक्नोलॉजिज (उर्फ साइंस फर्स्ट) से अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) प्राप्त है ।  प्रयोगशाला के कार्यकलापों से कुछेक एकस्व (पेटेन्ट्स) एवं स्वत्वाधिकार (कॉपीराइट्स) प्राप्त किये जा चुके हैं ।  राविसंप में विगत तीन दशकों में विज्ञान संप्रेषण के क्षेत्र में क्षमता निर्माण के प्रयासों पर बल दिया गया है ।  ये प्रयास फलप्रसू होने लगे और अधिक सक्षम एवं विश्व स्तरीय सेवा प्राप्ति के लिए मार्ग प्रशस्त करते राविसंप का विकास अवश्यम्भावी हो गया ।  सौभाग्य से केन्द्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण प्रयोगशाला में टीम निर्माण के प्रयासों से नेतृत्वकारी क्षमता का विकास हुआ है और परिषद् के प्रदर्श डिजाइन कर्ता अब संतोषप्रद तरीके से आधुनिक प्रौद्योगिकी से संचालित विज्ञान संप्रेषण कार्यकलापों को व्यवस्थित कर सकते हैं ।
 
राविसंप इकाइयों एवं विशेष रूप से केन्द्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण प्रयोगशाला की प्रदर्श विकास विशेषज्ञता आज अन्तरराष्ट्रीय रूप से स्वीकृत है ।  इसका प्रमाण हमें इस बात से मिलता है कि देश-विदेश के अन्य विज्ञान केन्द्रों एवं वैसी संस्थाओं से उत्प्रेरणात्मक समर्थन की मांग लगातार होती रहती है ।  हाल के दिनों में, केन्द्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण प्रयोगशाला ने ऑस्ट्रेलिया, यूके, इजरायल, तुर्की, मारीशस, बंगलादेश और श्रीलंका में विज्ञान केन्द्रों को प्रदर्श दिये हैं ।  केन्द्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण प्रयोगशाला ने भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विरासत को विकसित किया तथा अमेरिका, फ्रांस, चीन, बंगलादेश, बुलगारिया, त्रिनिडाड और टोबैगो, गुयाना, मलेशिया और इंडोनेशिया  में अन्तरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों का आयोजन कर इसे प्रदर्शित भी किया ।  मॉरीशस में प्रथम विज्ञान केन्द्र की स्थापना राविसंप द्वारा टर्नकि आधार पर की गयी एवं केन्द्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण प्रयोगशाला के माध्यम से इसका कार्यान्वयन किया गया ।  केन्द्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण प्रयोगशाला ने पूरे देश में राज्यों के विज्ञान केन्द्रों, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान संग्रहालय (आईसीएआर), सुबीर राहा तेल संग्रहालय (ओएनजीसी), राष्ट्रीय जैव औषधि जीनोमिक्स तथा भारतीय सिनेमा का राष्ट्रीय संग्रहालय (फिल्म प्रभाग) के लिए अनेक विज्ञान संग्रहालय विकसित की हैं ।  केन्द्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण प्रयोगशाला की कुछ गतिविधियों को एकस्व या स्वत्वाधिकार प्राप्त हुए हैं एवं उन्हें सम्मेलन में प्रस्तुत लेखों या पत्रिकाओं के माध्यम से प्रकाशित भी किया गया है ।
इन कार्यकलापों के आधार पर, राविसंप को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान, भारत सरकार द्वारा इसे वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान संगठन के रूप में स्वीकृति प्रदान की गयी है ।